हम भारत
की उजागर
नव भारत
की शान
हम धरती
की नूतन आशा
मुक्त
गगन की मंगल भाषा
मानवता
की तान
मधुर
हम भारत की संतान
वीर
बने लक्ष्मीबाई
"वा”
समान लें सेवा का व्रत
सरोजिनी
सी गुंजारे हम
देश
प्रेम का गान
रजिया
की सैनिक कर्मठता
वीर
चॉंद बीबी की दृढ़ता
नीति
निपुणता नूरजहां की
बढ़े
हमारा मान
राष्ट्र
दिखाएं हम छात्राएं
पूर्व
में वह ज्योति जलाएं
अखिल
जगत हो मान सरोवर
सरसिज
हिंदुस्तान
हम
भारत की शान उजागर
नवभारत
की शान
अखंडित एकता बोले हमारे देश की भाषा हमारी भारती है हमें यह एक अभिलाषा
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on रविवार, 2 दिसंबर 2012
at 7:59 am
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