Posted by Satyajeetprakash

आलोकित पथ करो हमारा
हे जग के अंतर्यामी।
शुभ प्रकाश दो, स्वच्छ दृष्टि दो
जड़ चेतन सबके स्वामी।
तुच्छ हमारे मन के प्रभु
दुर्विचार सब दूर करो।
प्रेरित हो हम केवल तुमसे
ऐसी हममें शक्ति भरो।।
तुम्हीं बंधु हो, तुम्हीं पिता हो
तुम्हीं मार्गदर्शक जीवन में।
सत्य और आलोक तुम्हारा
हम उतार लें निज तन मन में।।


अखंडित एकता बोले हमारे देश की भाषा हमारी भारती है हमें यह एक अभिलाषा

This entry was posted on रविवार, 3 जून 2012 at 9:16 pm . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

2 टिप्पणियाँ

is ke writter kaun hain?

18 अगस्त 2018 को 6:23 pm बजे

इस प्रार्थना का आशय स्पष्ट कीजिए प्लीज

30 अप्रैल 2021 को 9:43 pm बजे

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