तितली  

Posted by Satyajeetprakash in ,

दूर देश से आई तितली

चंचल पंख हिलाती

फूल फूल पर कली कली पर

इठलाती इतराती

कितने सुंदर है पर इसके

जगमग रंग रंगीले

लाल हरे बैगनी बसंती

काले नीले पीले

बच्चों ने देखे पर इसके

खुशियां खेल निराले

छोड़-छाड़ के खेल-खिलौने

घबराए ललचाए

इस पर सब है आंख उठाए

इस पर सब है आंख जमाए

अब पकड़ी तब पकड़ी

तितली पास नहीं आती

और हवा में उड़ते-उड़ते

दूर बहुत उड़ जाती

दूर देश में जहां बहुत

तिलती परियां रहती

छोटे बच्चों से अचरज

भरी कहानी कहती

This entry was posted on रविवार, 18 मई 2008 at 10:54 pm and is filed under , . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

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